आईपीएल 2025 में शानदार प्रदर्शन कर सुर्खियों में आए श्रेयस अय्यर एक बार फिर अपनी कप्तानी के कारण चर्चा में हैं। उन्होंने जहां पंजाब किंग्स को 14 साल बाद फाइनल तक पहुंचाया, वहीं अब वे एक और टीम को फाइनल में लेकर आए हैं। मुंबई टी20 लीग में श्रेयस अय्यर की अगुवाई वाली मुंबई फाल्कंस ने फाइनल में जगह बना ली है, और अब 12 जून को वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई साउथ सेंट्रल मराठा रॉयल्स के खिलाफ खिताबी भिड़ंत होगी।
आईपीएल 2025 में कप्तान अय्यर का दम
आईपीएल 2025 में श्रेयस अय्यर ने एक बार फिर साबित किया कि वे सिर्फ बल्लेबाज नहीं, एक रणनीतिक कप्तान भी हैं। पंजाब किंग्स को उन्होंने 14 साल बाद टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंचाया था, हालांकि उनकी टीम खिताब से चूक गई और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी। इसके बावजूद अय्यर की कप्तानी की खूब सराहना हुई। उनकी बैटिंग में निरंतरता और कप्तानी में आक्रामक सोच साफ दिखाई दी।
अब नजरें मुंबई टी20 लीग के खिताब पर
आईपीएल के बाद श्रेयस अय्यर ने मुंबई टी20 लीग में मुंबई फाल्कंस की कमान संभाली और अपनी लय को बरकरार रखा। वे एक बार फिर टीम को फाइनल में लेकर पहुंचे हैं। अब सवाल यह है कि क्या इस बार अय्यर ट्रॉफी अपने नाम कर पाएंगे?
मुंबई फाल्कंस का मुकाबला मुंबई साउथ सेंट्रल मराठा रॉयल्स से होगा, जिन्होंने अपने सेमीफाइनल में ईगल थाणे स्ट्राइकर्स को हराया था। फाइनल मुकाबला वानखेड़े स्टेडियम में होने वाला है और क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें अय्यर पर टिकी हैं।
सेमीफाइनल में फ्लॉप रहे श्रेयस अय्यर
हालांकि, फाल्कंस के लिए सेमीफाइनल मैच में अय्यर का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। वे महज 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। लेकिन इसके बावजूद उनकी टीम ने नमो बांद्रा ब्लास्टर्स को 5 विकेट से मात देकर फाइनल का टिकट कटा लिया।
बांद्रा ब्लास्टर्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 130 रन बनाए। उनकी तरफ से ध्रुमिल ने 34 और कप्तान आनंद ने 31 रनों का योगदान दिया। जवाब में मुंबई फाल्कंस ने 14.4 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया।
टीम की जीत में सबसे बड़ा योगदान बल्लेबाज इशान का रहा, जिन्होंने 52 रनों की नाबाद पारी खेली। उनके अलावा ऑलराउंडर आकाश पराकर ने भी 32 रन बनाकर जीत की नींव रखी। गेंदबाजी में आकाश पराकर और सिद्धार्थ रावत ने 2-2 विकेट चटकाए।
कप्तानी में क्यों खास हैं अय्यर?
श्रेयस अय्यर की कप्तानी की सबसे बड़ी खूबी है उनका संयम और क्रिकेट की समझ। वे खेल को पढ़ने में माहिर हैं और उसी अनुसार रणनीति बनाते हैं। चाहे बैटिंग ऑर्डर में बदलाव करना हो या बॉलिंग में सही समय पर बदलाव – अय्यर की सोच में आधुनिकता और अनुभव का अनोखा मेल है।
आईपीएल में पंजाब की कप्तानी हो या अब मुंबई फाल्कंस की कमान – दोनों जगहों पर अय्यर ने युवा खिलाड़ियों को मौका दिया और उनका आत्मविश्वास बढ़ाया। वे खुद फॉर्म में रहें या न रहें, टीम को जीत दिलाने के लिए हर तरीका आजमाते हैं।
12 जून को फाइनल में इतिहास रचने की कोशिश
अब जब मुंबई टी20 लीग का फाइनल सिर्फ एक दिन दूर है, श्रेयस अय्यर के पास एक और खिताब जीतने का मौका है। वानखेड़े स्टेडियम उनका घरेलू मैदान है और वहां उनका रिकॉर्ड भी शानदार रहा है। मुंबई साउथ सेंट्रल मराठा रॉयल्स एक मजबूत टीम है, लेकिन अगर अय्यर की टीम अपनी लय में रही, तो यह फाइनल भी उनके नाम हो सकता है।