प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अप्रैल को सऊदी अरब के लिए रवाना हुए। यह यात्रा खास इसलिए है क्योंकि बीते 40 वर्षों में यह भारत के किसी भी प्रधानमंत्री की जेद्दा शहर की पहली यात्रा है। यह दौरा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आमंत्रण पर हो रहा है। इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और हज जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
सऊदी एयरस्पेस में मिला शाही स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी के सऊदी अरब पहुंचने पर उन्हें रॉयल सऊदी एयर फोर्स के F-15 जेट्स द्वारा एयरस्पेस में विशेष सुरक्षा दी गई। जैसे ही उनका विमान सऊदी हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर रहा था, F-15 फाइटर जेट्स ने उन्हें एस्कॉर्ट किया, जो एक विशेष राजनयिक सम्मान माना जाता है। यह दर्शाता है कि सऊदी अरब भारत के साथ अपने रिश्तों को कितनी प्राथमिकता देता है।
भारत-सऊदी संबंधों में नई ऊर्जा
यात्रा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध रहे हैं, जो हाल के वर्षों में रणनीतिक साझेदारी में बदल चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
सऊदी अरब अब भारत के टॉप ट्रेडिंग पार्टनर्स में शामिल है और खाड़ी देशों में सबसे अहम सहयोगी भी बन चुका है।
द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी परिषद की बैठक
इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी परिषद (Strategic Partnership Council) की दूसरी बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस मंच के जरिए दोनों देशों के बीच कई बड़े विषयों पर बातचीत की जाएगी, जिनमें शामिल हैं:
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ऊर्जा सुरक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग
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रक्षा और आतंकवाद विरोधी रणनीति
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व्यापार और निवेश में वृद्धि
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बुनियादी ढांचा और तकनीक में सहयोग
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हज और कनेक्टिविटी संबंधी व्यवस्थाएं
जेद्दा का ऐतिहासिक महत्व
सऊदी अरब में भारत के राजदूत सुहेल अजाज खान के अनुसार, जेद्दा न सिर्फ एक प्रमुख व्यापारिक बंदरगाह है, बल्कि यह मक्का जाने के रास्ते का मुख्य केंद्र भी है। भारत के हजारों हज यात्री हर साल यहीं से होकर गुजरते हैं। ऐसे में जेद्दा का धार्मिक और कूटनीतिक महत्व दोनों ही बेहद अहम है।
हज कोटा और भारतीय मुस्लिम यात्रियों पर भी चर्चा संभव
पीएम मोदी और क्राउन प्रिंस के बीच हज कोटे, भारतीय हज यात्रियों की सुविधाओं और डिजिटल पंजीकरण जैसे विषयों पर भी विस्तार से बातचीत की उम्मीद है। भारत सरकार सऊदी अरब के साथ हज को लेकर बेहतर समन्वय बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासरत है।
व्यापार और ऊर्जा में बढ़ेगा निवेश
भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी से बढ़ा है। ऊर्जा के क्षेत्र में सऊदी अरामको और भारत की कंपनियों के बीच सहयोग पहले से ही जारी है। अब इस दौरे के बाद दोनों देशों के बीच हरित ऊर्जा, हाइड्रोजन, और स्टार्टअप निवेश जैसे नए क्षेत्रों में समझौते होने की संभावना है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा भारत और सऊदी अरब के रिश्तों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम करेगी। यह न सिर्फ राजनयिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और धार्मिक साझेदारी को भी मजबूत बनाएगी।
यह दौरा यह भी दर्शाता है कि भारत अब वैश्विक मंच पर एक निर्णायक रणनीतिक शक्ति बनकर उभर रहा है, जिसे दुनिया सम्मान की दृष्टि से देख रही है।