मुंबई, 18 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिका में पढ़ाई के लिए जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में इस बार 70% की भारी गिरावट देखी गई है। इस अप्रत्याशित गिरावट के पीछे ट्रम्प प्रशासन की नई वीजा नीतियां मानी जा रही हैं, जिनकी वजह से छात्रों को वीजा स्लॉट्स नहीं मिल रहे और रिजेक्शन के मामलों में भी तेजी आई है। हैदराबाद ओवरसीज कंसल्टेंट के संजीव राय ने बताया कि आमतौर पर इस समय तक छात्र अपने वीजा इंटरव्यू पूरे कर चुके होते हैं, लेकिन इस साल स्थिति पूरी तरह से उलट है। हर दिन वीजा पोर्टल की जांच की जा रही है कि कोई नया स्लॉट खुले, लेकिन यह अब तक की सबसे खराब स्थिति है। अमेरिकी अधिकारियों ने वादा किया था कि वीजा स्लॉट्स अलग-अलग चरणों में उपलब्ध कराए जाएंगे, लेकिन अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है जिससे छात्रों को अपना साल बर्बाद होने का डर सता रहा है। विंडो ओवरसीज एजुकेशन कंसल्टेंसी के अंकित जैन ने कहा कि कई छात्र स्लॉट बुक कर चुके हैं लेकिन उन्हें अब तक कोई पुष्टि नहीं मिली है। उन्हें लगता है कि अमेरिका अपने वीजा सिस्टम की किसी प्रकार की टेस्टिंग कर रहा है। इसी अनिश्चितता के चलते कई छात्र अब अमेरिका की बजाय दूसरे देशों में उच्च शिक्षा के विकल्प तलाश रहे हैं। 23 साल के एक छात्र ने कहा कि वह और इंतजार नहीं कर सकता क्योंकि उसे एक साल खराब होने का डर है और अमेरिका का रास्ता फिलहाल बंद दिख रहा है। I20 फीवर कंसल्टेंसी के अरविंद मांडुवा ने चेताया कि अगर कुछ दिनों में वीजा स्लॉट्स नहीं खुले तो हजारों छात्रों का सपना टूट जाएगा। उनके पास हर दिन छात्रों और उनके माता-पिता के फोन आ रहे हैं जो चिंता में हैं।
मार्च में आवेदन करने वाले जिन छात्रों को इंटरव्यू स्लॉट्स मिल गए थे, वे अब वीजा रिजेक्शन का शिकार हो रहे हैं। जैन ने बताया कि जिन छात्रों को पहले आसानी से वीजा मिल जाता था, अब वे भी रिजेक्ट हो रहे हैं, जबकि उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल तक साफ हैं। रिजेक्शन का मुख्य कारण सेक्शन 214(b) बताया जा रहा है, जो अमेरिकी इमिग्रेशन कानून का वह प्रावधान है जिसके तहत आवेदक को यह साबित करना होता है कि वह पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने देश वापस लौट जाएगा। डलास स्थित यूएस एडमिशन कंसल्टेंसी के रवि लोथुमल्ला का कहना है कि यह नियम पहले से मौजूद था, लेकिन अब इसे बेहद सख्ती से लागू किया जा रहा है। हैदराबाद में अमेरिकी कॉन्सुलेट ने जानकारी दी है कि वीजा स्लॉट्स अब दोबारा शुरू हो गए हैं और छात्रों को वेबसाइट पर अपॉइंटमेंट चेक करते रहना चाहिए। एक प्रवक्ता ने बताया कि वे इस बात की पूरी जांच कर रहे हैं कि कोई आवेदक अमेरिका या उसके हितों को नुकसान न पहुंचाए और वीजा शर्तों का पालन करे। उन्होंने छात्रों को जल्द आवेदन करने और धैर्य रखने की सलाह दी। इस बीच, दो महीने पहले अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने विदेशी छात्रों के नए वीजा इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी। इसका मकसद अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में यहूदी विरोधी और वामपंथी विचारों के प्रसार को रोकना था। उन्होंने दुनियाभर के अमेरिकी दूतावासों को निर्देश दिए थे कि स्टूडेंट वीजा के लिए नए इंटरव्यू शेड्यूल न करें। ट्रम्प प्रशासन अब आने वाले छात्रों के सोशल मीडिया प्रोफाइल की और कड़ी जांच की योजना बना रहा है। यह रोक विशेष रूप से F, M और J वीजा कैटेगरी पर लागू होती है, जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स से संबंधित होती हैं। हालांकि जिन छात्रों के इंटरव्यू पहले से शेड्यूल थे, उन्हें इसकी अनुमति दी गई है, लेकिन नए स्लॉट्स फिलहाल नहीं जोड़े जा रहे।