बनारस न्यूज डेस्क: देश के युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाने और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय ने नई पहल शुरू की है। इस अभियान की शुरुआत वाराणसी में होने वाले तीन दिवसीय चिंतन शिविर से हो रही है, जिसकी थीम ‘नशा मुक्त युवा फॉर विकसित भारत’ रखी गई है। इस शिविर में देशभर के 100 से ज्यादा आध्यात्मिक, धार्मिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े युवा प्रतिनिधि भाग लेंगे।
केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि दो दिन की विचार-मंथन प्रक्रिया के बाद 20 जुलाई को ‘काशी घोषणापत्र’ जारी किया जाएगा। इसी घोषणापत्र के आधार पर नशा मुक्ति के लिए एक साल का कार्ययोजना तैयार की जाएगी। मंत्रालय की नजर उन विशेषज्ञों पर भी होगी, जो नशे के प्रभाव को खत्म करने के लिए कार्य कर रहे हैं। इस प्रयास में नशे के प्रकार, इसके फैलाव और प्रचार को रोकने के लिए रणनीति बनाई जाएगी।
डॉ. मांडविया ने साफ किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत का युवा स्वस्थ, आत्मनिर्भर और हर तरह के नशे से मुक्त हो। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन महज एक कार्यक्रम नहीं बल्कि जनआंदोलन बनेगा। हर साल इस पर समीक्षा की जाएगी ताकि इसे प्रभावशाली बनाया जा सके। काशी घोषणापत्र सिर्फ दस्तावेज नहीं रहेगा, बल्कि इसका धरातल पर भी असर दिखेगा और सभी संबंधित विभागों और संस्थाओं की इसमें जवाबदेही तय होगी।
डॉ. मांडविया ने बताया कि चिंतन शिविर के अलावा, 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस पर ‘विकसित भारत पदयात्रा’ निकाली जाएगी, जिसमें देशभर से युवा भाग लेंगे। यह पदयात्रा युवाओं को राष्ट्र निर्माण और देश की परंपराओं से जोड़ने का माध्यम बनेगी। अब तक इस अभियान से 2 लाख से ज्यादा युवा जुड़ चुके हैं और आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा।