खतरे के निशान को पार कर गई गंगा, तटीय इलाकों में मचा त्राहिमाम ,एनडीआरएफ की टीम जुटी राहत एवं बचाव कार्य में, बाढ़ में फंसे लोगों के लिए जारी किया गया सहायता नंबर।
वाराणसी। कई दिनों से लगातार हो रहे गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण वाराणसी के सामने घाट क्षेत्र में स्थित मारुति नगर इलाके के रिहायशी क्षेत्रों में पानी घुस चुका है। बाढ़ की चपेट में आने से पूरा इलाका जलमग्न हो गया है कई मकानों के प्रथम तल तो पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं और लोग दूसरे और तीसरे तल ऊपर अपना आशियाना बनाए हुए हैं।
केंद्रीय जल आयोग के वर्तमान आंकड़ों के अनुसार गंगा का जलस्तर 71. 41मीटर तक पहुंच गया है जो की चेतावनी बिंदु से लगभग 1.15 मीटर ऊपर है। बाढ़ का आलम कुछ ऐसा है कि क्षेत्र में रहने वाले लोग अपने घरों से पलायन करने को मजबूर हो गए हैं, वो अपने रिश्तेदारों एवं अन्य सुरक्षित स्थल की तरफ यहां से जा रहे हैं। कई छात्र जिनकी परीक्षाएं चल रही है उन्हें परेशान स्थल तक पहुंचने में काफी तकलीफ हो रही है तो लोग अपना जीवन यापन करने हेतु घरों से बाहर निकलने में विवश हैं।
केंद्रीय जल आयोग मध्य गंगा संभाग कार्यालय, बाढ़ बुलेटिन के अनुसार, सोमवार सुबह वाराणसी में गंगा का जलस्तर 70.26 मीटर के चेतावनी स्तर को पार कर चुका था। और सुबह 8 बजे से 71.48 मीटर के निशान पर बह रहा है। गंगा के जलस्तर में लगातार 1.5 से 2.सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
आपको बता दें कि वाराणसी में गंगा के खतरे का बहाव 71.26 मीटर है तो वहीं बाढ़ का उच्चतम बिंदु 73.90 मीटर है जिसे आखरी बार सन 1978 में आये बाढ़ में दर्ज किया गया था।
गौरतलब बात यह है कि राहत एवं बचाव के कार्य में 11 एनडीआरएफ की बटालियन पूरी तरह से तैनात है, दर्जन दर्जन भर के दो से तीन टीम एक शिफ्ट में राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं। 11 एनडीएफ़ के कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा स्वयं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को अपने निगरानी में रखे हुए हैं और समय-समय पर दौरा कर इन क्षेत्रों का जायजा ले रहे हैं एनडीआरएफ की टीम द्वारा यहां पर राहत एवं बचाव के सारे संसाधन तैनात किए गए हैं साथ ही साथ जन सेवा हेतु नंबर जारी किए गए हैं। 8004931410 इस नंबर पर कॉल या व्हाट्सएप करके आप अपनी स्थिति से राहत एवं बचाव टीम को अवगत करा सकते हैं।
हमसे हुई खास बातचीत में एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर ने बताया कि वह लगभग 60 से 65 लोगों को इस इलाके से रेस्क्यू कर निकाल चुके हैं, वहीं बाकियों को क्षेत्र से रेस्क्यू करने का काम जारी है। सिर्फ रेस्क्यू ही नहीं बल्कि बाढ़ की चपेट में आए हुए मकानों में रह रहे लोगों तक राशन, गैस, पानी व अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाने में भी एनडीआरएफ के जवान पूरी मदद कर रहे हैं।
देखने वाली बात अब यह है कि गंगा के इस लगातार बढ़ते जलस्तर का प्रकोप कितना बढ़ता है क्या यह अपने पिछले रिकॉर्ड के नीचे रहता है या बाढ़ के उच्चतम बिंदु को भी पार कर जाता है उम्मीद ही की जा रही है कि बाढ़ के कारण बढ़ते इस जलस्तर में शीघ्र अति शीघ्र कमी हो जिससे क्षेत्रीय निवासियों को राहत मिले।