भारत का विमानन क्षेत्र लगातार विकास की राह पर अग्रसर है और इसकी पुष्टि एक बार फिर ICRA (रेटिंग एजेंसी) की ताज़ा रिपोर्ट से हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2025 में घरेलू हवाई यात्री यातायात में साल-दर-साल 10.2% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसका साफ मतलब है कि देश के अंदर यात्रा करने वालों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हो रहा है, और यह सेक्टर कोविड के बाद पूरी तरह से पटरी पर लौट आया है।
अप्रैल 2025 में 145.5 लाख घरेलू यात्री
रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2025 में देश के भीतर करीब 145.5 लाख यात्रियों ने हवाई सफर किया, जो अप्रैल 2024 में दर्ज 132 लाख यात्रियों की तुलना में 10.2% ज्यादा है। हालांकि, मार्च 2025 से यह आंकड़ा लगभग समान बना रहा, जिससे यह संकेत मिलता है कि अब यात्री संख्या स्थिर गति से आगे बढ़ रही है।
इस ग्रोथ के पीछे प्रमुख कारणों में बढ़ती हवाई सुविधा, लोगों की बढ़ती आय, टियर-2 और टियर-3 शहरों से कनेक्टिविटी, और सस्ते किराए शामिल हैं। इसके साथ ही, त्योहारी सीजन और छुट्टियों के मौसम ने भी हवाई सफर को बढ़ावा दिया।
एयरलाइन क्षमता में भी हुआ इजाफा
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अप्रैल में एयरलाइनों की क्षमता में भी 6.9% की सालाना वृद्धि देखी गई। इसका मतलब है कि कंपनियों ने ज्यादा विमानों का संचालन किया, ताकि बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। हालांकि, मार्च 2025 की तुलना में इसमें 4.2% की गिरावट दर्ज की गई, जो यह दर्शाता है कि गर्मी की छुट्टियों के शुरू होने से पहले कुछ सीमित उड़ानों का ही संचालन किया गया।
वित्त वर्ष 2024-25 में भी शानदार प्रदर्शन
पूरे वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो भारत में घरेलू हवाई यात्री यातायात 1,653.8 लाख तक पहुंच गया। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 7.6% अधिक है। सबसे खास बात यह रही कि यह आंकड़ा पूर्व-कोविड स्तर (वित्त वर्ष 2020 में 1,415.6 लाख) से 16.8% अधिक है, जो यह दर्शाता है कि भारतीय विमानन क्षेत्र कोविड के प्रभाव से पूरी तरह उबर चुका है।
अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा में भी आई तेजी
रिपोर्ट में सिर्फ घरेलू नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात में भी मजबूत बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय एयरलाइनों ने 338.6 लाख अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को सफर करवाया। यह आंकड़ा 14.1% की वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है। इससे यह साफ हो जाता है कि भारतीय यात्री अब सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों की यात्रा के लिए भी बड़ी संख्या में विमानन सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, वीज़ा नीतियों में सुधार, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बढ़ोत्तरी और भारत के पासपोर्ट की वैश्विक मान्यता में इजाफा इसके प्रमुख कारण हैं।
वित्त वर्ष 2026 में और ग्रोथ की उम्मीद
ICRA ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2026 में घरेलू हवाई यातायात में 7-10% की बढ़ोतरी का अनुमान है। इसका आधार मध्यम वृद्धि दर, स्थिर लागत वातावरण (Stable Cost Environment) और प्राइसिंग पावर में संतुलन है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विमानन कंपनियों को वित्त वर्ष 2025 में स्थिर किराए तय करने की बेहतर क्षमता मिलेगी, जिससे उनका मुनाफा भी संतुलित रहेगा। यात्रियों के बढ़ते रुझान को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में भी यह सेक्टर मजबूती से आगे बढ़ता रहेगा।
कोविड के मुकाबले अब कितनी सुधरी स्थिति?
अगर हम अंतरराष्ट्रीय यात्री आंकड़ों को प्री-कोविड (वित्त वर्ष 2020 के 227.3 लाख यात्रियों) से तुलना करें, तो वर्तमान आंकड़ा 338.6 लाख है। यानी कि 49% अधिक। यह सुधार यह दिखाता है कि महामारी के बाद लोगों में हवाई यात्रा के प्रति विश्वास लौटा है और वह अब पहले से कहीं अधिक आत्मविश्वास के साथ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भर रहे हैं।
निष्कर्ष: उभरता हुआ विमानन क्षेत्र
अप्रैल 2025 और पूरे वित्त वर्ष के आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि भारत का विमानन क्षेत्र अब सिर्फ रिकवरी नहीं कर रहा, बल्कि संगठित विस्तार की ओर बढ़ रहा है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर बढ़ती यात्रियों की संख्या और एयरलाइनों की बढ़ती सेवा क्षमता यह संकेत देती है कि आने वाले वर्षों में यह उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन सकता है।
ICRA की यह रिपोर्ट न केवल उद्योग की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि भारत अब विश्व के शीर्ष विमानन बाजारों में शामिल होने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।