देश में मानसून की दस्तक ने एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदल दिया है। दक्षिण भारत में जहां झमाझम बारिश से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में गर्मी और लू से लोग बेहाल हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य समय से पहले केरल पहुंच गया है और इसका असर अब देश के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिल रहा है।
केरल से शुरू, महाराष्ट्र-गोवा-कर्नाटक तक पहुंचा मानसून
केरल में मानसून की आमद के साथ ही कई इलाकों में तेज बारिश हुई है। इसकी वजह से गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भारी वर्षा का अनुमान जताया गया है। मौसम विभाग ने इन तीनों राज्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। मुंबई, कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग और रत्नागिरी जैसे इलाकों में भारी बारिश के चलते जलभराव की स्थिति बन गई है।
मुंबई के खार क्षेत्र में पानी भरने से आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं। वहीं पुणे जिले में बारिश संबंधी घटनाओं में दो दिनों में 3 लोगों की मौत की भी खबर है। मौसम विभाग ने नागरिकों और मछुआरों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है और समुद्री इलाकों में जाने से मना किया है।
यूपी-बिहार में मौसम हुआ सुहाना, लेकिन खतरा बना हुआ
उत्तर प्रदेश और बिहार में भी मानसून पूर्व बारिश ने मौसम को सुहावना बना दिया है। इन राज्यों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो रही है, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है। साथ ही कुछ इलाकों में तेज हवाएं और बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है।
हालांकि, मौसम विभाग ने चेताया है कि आगामी 48 घंटों के दौरान इन इलाकों में तेज तूफान और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं। लोगों को घरों में रहने और पेड़ों या खंभों के नीचे खड़े न होने की सलाह दी गई है।
राजस्थान में गर्मी का तांडव जारी
जब दक्षिण और पूर्वी भारत मानसून की फुहारों से भीग रहा है, तब पश्चिमी राजस्थान भीषण लू की चपेट में है। जयपुर, बीकानेर, बाड़मेर और जोधपुर जैसे इलाकों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। मौसम विभाग ने 27 और 28 मई को लू के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
राजस्थान के कई इलाकों में अगले दो दिनों तक धूल भरी आंधी और गर्म हवाएं चलने की संभावना है। किसानों और बुजुर्गों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश के साथ ओलावृष्टि की आशंका
पर्वतीय राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी मौसम ने करवट ली है। IMD के मुताबिक, इन इलाकों में तेज हवाओं (50-70 किमी/घंटा) के साथ बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। पर्यटकों और स्थानीय लोगों को पहाड़ी रास्तों में फिसलन और भूस्खलन जैसी घटनाओं से सावधान रहने की चेतावनी दी गई है।
हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसलों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करें।
अन्य राज्यों की स्थिति
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पूर्वोत्तर भारत (असम, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा) में भारी बारिश की संभावना है।
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ओडिशा, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में भी तेज बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है।
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गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश और तेज हवाओं का पूर्वानुमान है।
समुद्री गतिविधियां और चक्रवात की संभावना
IMD ने जानकारी दी है कि बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य क्षेत्र में एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो रहा है, जिससे आने वाले दिनों में एक नया चक्रवात भी उत्पन्न हो सकता है। यदि ऐसा होता है, तो यह पूर्वी तटों—ओडिशा और आंध्र प्रदेश—के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
निष्कर्ष
एक ओर जहां मानसून की समय से पहले आमद ने देश के कई हिस्सों में राहत दी है, वहीं इसके साथ आई भारी बारिश, तेज हवाएं और लू लोगों के लिए खतरा भी बनी हुई हैं। प्रशासन और मौसम विभाग लगातार अलर्ट पर हैं, लेकिन आम लोगों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। मौसम की यह उथल-पुथल आने वाले दिनों में और गंभीर हो सकती है। इसलिए सावधानी ही सुरक्षा है।