बनारस न्यूज डेस्क: नगर निगम के नए विस्तारित क्षेत्रों में हर दिन 150 जगहों पर लगभग 8 क्विंटल कूड़ा जलाया जा रहा है। सफाई एजेंसी का कहना है कि यदि इस कूड़े को जलाना बंद कर दिया जाए, तो हवा की गुणवत्ता (एक्यूआई) और बेहतर हो सकती है। दिसंबर के शुरुआती छह दिनों में शहर का एक्यूआई 46 से 132 के बीच दर्ज किया गया है। 3 दिसंबर को यह 132 और 4 दिसंबर को 102 तक पहुंच गया था।
कूड़ा जलाने की यह समस्या मुख्य रूप से सफाईकर्मियों की लापरवाही के कारण बढ़ रही है। कई जगहों पर कूड़ा उठाने से बचने के लिए सफाईकर्मी खुद कूड़ा जला देते हैं। वहीं, कुछ इलाकों में कूड़ा न उठने पर स्थानीय लोग उसे इकट्ठा करके जला देते हैं। इस वजह से वातावरण में धुआं और प्रदूषण फैल रहा है, जो हवा की गुणवत्ता को खराब कर रहा है।
सर्दियों के मौसम में एक्यूआई में तेजी से उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। ठंड बढ़ने के साथ तापमान गिरने पर हवा भारी हो जाती है, जिससे धूल और धुआं वातावरण में रुक जाते हैं। इस कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। बनारस, जो स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में 13वें स्थान पर था, अब इस समस्या से जूझ रहा है।
लोगों ने नगर निगम से कूड़ा जलाने की शिकायत भी की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सफाई एजेंसी और प्रशासन की अनदेखी से यह मुद्दा ठंडे बस्ते में चला गया। यदि इस समस्या पर ध्यान दिया जाए, तो शहर की हवा को साफ और स्वास्थ्यवर्धक बनाया जा सकता है।