वाराणसी । पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से गंगा की लहरें भी उफान मारने लगी थी। जलस्तर के चेतावनी बिंदू के समीप पहुंच जाने के बाद गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात हो गए थे। लेकिन वहां बारिश थमने के बाद पिछले दो दिनों से गंगा का जलस्तर घटने लगा है। इसके बावजूद लोगों की दुश्वारियां कम नहीं हुई है। जिले में गुरूवार को दोपहर 12 बजे तक गंगा का जलस्तर 67.22 मीटर दर्ज किया गया। सुबह आठ बजे तक जलस्तर 67.34 मीटर पर था। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से घट रहा है। गंगा में घटाव से तटवर्ती क्षेत्र में कीचड़ और गाद की समस्या से भी लोगों को दो चार होना पड़ेगा। फिलहाल लोग बाढ़ का खतरा टलने से राहत महसूस कर रहे है। सुरक्षा कारणों से गंगा में नौका संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया हैं। गंगातट के किनारे एनडीआरएफ व जल पुलिस की टीम भी मुस्तैद हैं। गंगा के सभी घाट पानी में डूबे हुए हैं। एक घाट से दूसरे घाट तक जाने का रास्ता जलमग्न है।
गंगा के जलस्तर में बढ़ाव के चलते मोक्ष तीर्थ मणिकर्णिका घाट, हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह कराने पहुंच रहे शवयात्रियों की परेशानी बढ़ गई हैं। हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में और मणिकर्णिका घाट पर ऊंचे प्लेटफार्म पर शवदाह हो रहा है। मणिकर्णिका घाट पर भी लोगों को शवदाह के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। गंगा में नीचे के सभी प्लेटफार्म डूबने के कारण ऐसे हालात है। उन्होंने बताया गया कि बारिश में लकड़ियां गीली होने से भी समस्या बढ़ी है। गंगा आरती भी ऊंचे स्थानों पर हो रही है। गंगा में उफान से पर्यटक नौकायन नहीं कर पा रहे है। गंगाघाट किनारे जगह न होने से घाटों पर घूमने वालों की भीड़ नहीं है।