वाराणसी । दीपावली पर्व को देखते हुए मिट्टी के दीये और मिट्टी से बनने वाले खिलौने समेत अन्य सामानों की मांग बढ़ गई है। बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए क्षेत्र के कुम्हार उसे बनाने में जुट गए हैं। बाजार में मिट्टी के दीये, कोषा, घंटी, जांता, कलशा, टेनी सहित अन्य सामानों की मांग बढ़ जाती है। लोग इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों की अपेक्षा मिट्टी से बने सामानों की मांग कर रहे हैं। इसको देखते हुए क्षेत्र के कुम्हारों ने मिट्टी का सामान बनाना शुरु कर दिया है।
इलेक्ट्रिक चाक मशीन से 1 दिन में तैयार हो रहा हजार दीप
वाराणसी के फुलवरिया ग्राम सभा में कुम्हारपुरा हैं जहां प्रत्येक घरों में मिट्टी के दीप बनाने का कार्य करते हैं। बदलते समय के साथ यहां के कुम्हार में आधुनिक हो गये हैं इन लोगों के पास इलेक्ट्रिक चाक मशीन है, जिस पर लोग ज्यादा से ज्यादा दीये बनाने का कार्य कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक चाक पर काम करने वालो ने बताया कि हम लोग इस पर ज्यादा आसानी से काम कर लेते हैं और 1 दिन में लगभग 1000 कुल्हड़ तैयार कर लेते हैं।
पुरानी परम्परा को पालन करते हुए चाक पर ही दीप बनाते हैं छोटे लाल
हाथ से चलने वाले चाक पर काम करते हुए छोटे लाल प्रजापति ने बताया कि हमारा हाथ इसी पर ठीक से बैठा हुआ है। हमें इसी पर काम करने पर आसानी होती है। हालांकि, हमारे पास इलेक्ट्रिक चाक भी है, लेकिन यह ज्यादा उपयोगी लगता है। उन्होंने बताया कि मिट्टी को लाते हैं हम लोग उसके बाद भिगोते हैं और उसके बाद हम लोग दीया बनाने का कार्य करते हैं।