वाराणसी। काशी की धार्मिक व सांस्कृतिक पहचान माने जाने वाले मंदिरों व प्रतिष्ठानों के आसपास के भवन उनसे ऊंचे नहीं बनेंगे। वीडीए की महायोजना 2031 को शासन ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत काशी की पहचान जिन मंदिरों व प्रतिष्ठानों से है, उसके आसपास के भवन उससे ऊंचे बनाने की स्वीकृति नहीं प्रदान की जाएगी।
वीडीए की महायोजना के मुताबिक परंपरागत ईंधन वाली बसें शहर से बाहर जाएंगी। मेडिसिटी स्पोर्ट्स सिटी, एजुकेशनल सिटी, कन्वेंशन सेंटर की जमीन जल्द फाइनल की जाएगी। 15-16 फीसदी हरियाली वाला क्षेत्र होगा। जहां ग्रीन बेल्ट बनेगा, वहां कालोनियां नहीं विकसित की जाएंगी। रामनगर इंडस्ट्रीयल एरिया के पास स्पेशल इकानामिक जोन (सेज) के तहत टाउनशिप विकसित की जाएगी। शासन से स्वीकृत महायोजना को अब वीडीए बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा।
दरअसल, पिछली बार की महायोजना में कुछ त्रुटियां थी। ऐसे में इस पर की महायोजना को जीआईएस बेस्ड बनाया गया है, ताकि त्रुटियों को कम और सटीक किया जा सके। इससे शहर के विकास की गति तेज होगी। किसी तरह की बाधा नहीं आएगी। वीडीए ने अगले 10 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर महायोजना तैयार की गई है। अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने वीडीए उपाध्यक्ष को पत्र भेजकर महायोजना की स्वीकृति की जानकारी दी।
मंडलायुक्त आवास के आसपास व सारनाथ के हेरिटेज जोन में 15 मीटर से ऊंची दीवार बनाने पर पाबंदी थी। इस महायोजना के तहत अब इस पर से पाबंदी हटाते हुए भू उपयोग प्रस्तावित किए गए हैं। इन क्षेत्रों में भी नक्शे स्वीकृत होंगे। वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने कहा कि काशी का धार्मिक, सांस्कृतिक व ऐतिहासिक महत्व बरकरार रहेगा। इसको ध्यान में रखते हुए ही महायोजना 2031 को स्वीकृति प्रदान की गई है।
जानिये महायोजना की खास बातें
• मुख्य मार्गों के दोनों तरफ होंगे व्यावसायिक निर्माण।
- प्रमुख मार्गों के दोनों तरफ 500 मीटर हाईवे फैसिलिटी जोन।
- मार्गों के किनारे हो रहे निर्माण को करेंगे नियंत्रित ।
- हाईवे फैसिलिटी जोन में बड़े इंस्टीट्यूशन को मिलेगा स्थान।
- रिंगरोड के दोनों तरफ और एयरपोर्ट मार्ग पर दोनों तरफ विकास कार्य।
- 24 मीटर और इससे अधिक चौड़ी सड़कों पर बाजार स्ट्रीट।
- सरकारी स्थल के चारों ओर बहुमंजिला भवनों का निर्माण।