वाराणसी। वाराणसी के नामकरण में जिस असि नदी और वरुणा नदी की महत्वपूर्ण भूमिका नही है, आज लोगों ने अपने फायदे और संरक्षण के लिए उस पर ही कब्जा कर लिया है। इसलिए युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के लिए मजबूती के साथ आगे बढ़ना होगा। ऐसा कहना है प्रोफेसर पीके मिश्रा का।
विकासार्थ विद्यार्थी काशी प्रान्त ने वसंत कन्या महाविद्यालय में ‘असि संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता व अथिति प्रो पीके मिश्रा रहे। प्रो पीके मिश्रा ने कहा अखिल भारतीय परिषद विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए विद्यार्थियों को समर्थन प्रदान करती है और कई रचनात्मक कार्यक्रमों के जरिए समाज में चर्चा को बढ़ावा देती है।
काशी प्रान्त प्रमुख पायल राय ने असि नदी की पौराणिक मान्यताओं को समझाते हुए बताया की असि नदी समाज के लिए कितनी और क्यों जरूरी है। विद्यार्थियों ने वाराणसी महानगर में असि नदी को फिर से जीवंत करने का कदम उठाया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने बताया कि आज दुनिया भर में 350 से ज्यादा नदियां गायब हो गई हैं लेकिन अपनी अद्वितीय संरक्षण शैली और सांस्कृतिक पहचान के लिए काशी ने अपनी असि नदी को बचाने के लिए लोगों को एकजुट किया है।
कार्यक्रम का संचालन सौम्या सिंह ने किया। साथ ही धन्यवाद ज्ञापन डॉ अंशु शुक्ला जी ने किया। इस मौके पर प्रान्त शोध कार्य सहसंयोजक हर्षा सिंह, शिवम, अमन, श्रद्धा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।