वाराणसी न्यूज डेस्क: देश की सेमी हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेनें विशेष रूप से वाराणसी-नई दिल्ली और अयोध्या-वाराणसी रूट पर ही यात्रियों से भरी रहती हैं। रांची और पटना रूट पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेनें अक्सर आधी खाली रहती हैं और घाटे में चल रही हैं। रेल अधिकारियों के अनुसार, रांची-वाराणसी वंदे भारत का उच्च किराया यात्रियों को अन्य ट्रेनों का चयन करने को प्रेरित कर रहा है। कैंट रेलवे स्टेशन से कुल चार वंदे भारत ट्रेनों का संचालन होता है: दो नई दिल्ली रूट पर, एक पटना-लखनऊ रूट पर और एक रांची-वाराणसी रूट पर।
रांची-वाराणसी रूट पर मार्च में शुरू हुई 20887/20888 वंदे भारत एक्सप्रेस में चेयर कार का किराया 1500 रुपये और एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 2725 रुपये है। यह ट्रेन 8 घंटे में सफर पूरा करती है, जबकि अन्य ट्रेनें 12 से 13 घंटे लेती हैं। बावजूद इसके, ऊंचे किराए के कारण यात्रियों की रुचि कम है। रांची-बनारस और रांची-एलटीटी की थर्ड एसी ट्रेनें 800-900 रुपये में यात्रा कराती हैं। 21 अगस्त से अगले 15 दिनों तक वंदे भारत की सीटें खाली हैं, जबकि अन्य ट्रेनों में वेटिंग टिकट है। त्योहार के समय भी वंदे भारत की सीटें खाली रह रही हैं।
पटना-लखनऊ वाया वाराणसी रूट पर मार्च में शुरू हुई 22345/22346 वंदे भारत एक्सप्रेस में शुरू में तो यात्रियों की अच्छी भीड़ थी, लेकिन अब यात्री कम हो गए हैं। विशेष रूप से, वाराणसी से पटना के बीच सीटें अक्सर खाली रहती हैं, जबकि अयोध्या-वाराणसी के बीच सीटें तुरंत भर जाती हैं। 21 अगस्त को वाराणसी से पटना के बीच वंदे भारत के दोनों क्लासों में सीटें खाली हैं, जबकि अयोध्या से वाराणसी के बीच लंबी वेटिंग लिस्ट है जो 31 अगस्त तक चलती रहेगी।