अमेरिकी राजनीति में टैरिफ (आयात कर) का मुद्दा हमेशा से चर्चा का विषय रहा है, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में इस पर अपनी स्पष्ट राय दोबारा से रखी है। कई दिनों तक चुप रहने के बाद अब ट्रंप ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में चल रहे टैरिफ मामले पर अपनी बात रखी और कहा कि अगर वे इस केस को जीत जाते हैं तो अमेरिका दुनिया का सबसे अमीर देश बन जाएगा। इस केस का नतीजा अमेरिकी आर्थिक और वैश्विक स्थिति पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
ट्रंप ने कहा कि उनकी टैरिफ नीति ने अमेरिका को बातचीत में जबरदस्त ताकत दी है। यूके की आगामी यात्रा से पहले पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीति को अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने में अहम बताया। उन्होंने ये भी कहा कि टैरिफ लगाकर उन्होंने सात युद्धों को रोकने में मदद की है। उनके अनुसार, चार युद्ध इसलिए रुके क्योंकि अमेरिका टैरिफ लगाने में सक्षम था, जिससे दूसरे देशों को उनकी शर्तें माननी पड़ीं।
हालांकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गंभीरता से लिया जा रहा है क्योंकि निचली अदालत ने ट्रंप प्रशासन द्वारा कई टैरिफ को अवैध करार दिया था। अदालत का सवाल है कि क्या राष्ट्रपति बिना कांग्रेस की अनुमति के आपातकालीन टैरिफ लगा सकता है। यह मामला अमेरिकी राष्ट्रपति के शक्तियों की सीमा को लेकर अहम साबित हो सकता है। ट्रंप ने इस मामले में कहा कि अदालत के फैसले तक ये टैरिफ लागू रहेंगे और अगर वे केस जीत गए तो यह अमेरिका के लिए बड़ा आर्थिक और राजनीतिक फायदा होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर के पहले हफ्ते में इस मामले की मौखिक सुनवाई तय की है। आमतौर पर कोर्ट जून के अंत तक फैसले सुना देती है, लेकिन इस बार प्रक्रिया को तेजी से निपटाने का इरादा है। अगस्त में संघीय अपीलीय अदालत ने ट्रंप प्रशासन के कई टैरिफ को अमान्य कर दिया था और कहा था कि उन्होंने आपातकालीन शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया है। अब इस फैसले के खिलाफ ट्रंप सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
टैरिफ पर ट्रंप का जोर इसलिए भी अहम है क्योंकि उन्होंने इसे अपनी आर्थिक रणनीति का मुख्य हिस्सा बताया है। उनका कहना है कि टैरिफ ने न केवल अमेरिका की आर्थिक ताकत बढ़ाई है, बल्कि उसे वैश्विक मंच पर एक प्रभावशाली negotiating power भी दी है। इससे अमेरिका उन देशों के साथ बेहतर सौदे कर सकता है जो पहले अपने हितों की पूर्ति के लिए अमेरिकी बाजार का फायदा उठाते थे।
ट्रंप की इस रणनीति को आलोचकों ने बहुत बार नकारा है और कहा है कि टैरिफ ने वैश्विक व्यापार को नुकसान पहुंचाया है और अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बढ़ा दी हैं। इसके अलावा, कई व्यापारिक साझेदारों के साथ तनाव भी बढ़ा है। पर ट्रंप इसे एक शक्तिशाली उपकरण मानते हैं जिससे वे अमेरिका की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं।
इस केस का फैसला अमेरिका की राजनीति और आर्थिक नीति दोनों के लिए निर्णायक होगा। अगर सुप्रीम कोर्ट ट्रंप के पक्ष में फैसला करता है, तो राष्ट्रपति को अधिक शक्तियां मिलेंगी, जिससे वे बिना कांग्रेस की मंजूरी के टैरिफ लगा सकेंगे। वहीं, यदि कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा, तो यह अमेरिकी राष्ट्रपति की शक्तियों पर बड़ा नियंत्रण साबित होगा और भविष्य में टैरिफ नीति में बदलाव ला सकता है।
संक्षेप में, टैरिफ को लेकर चल रहा यह सुप्रीम कोर्ट केस अमेरिकी राजनीति, अर्थव्यवस्था और वैश्विक संबंधों में अहम मोड़ साबित हो सकता है। ट्रंप की टैरिफ नीति ने अमेरिका को एक नया आर्थिक चेहरा दिया है और इस फैसले से यह तय होगा कि आगे अमेरिका अपनी आर्थिक नीतियों में कितनी स्वतंत्रता के साथ काम कर पाएगा। सभी की नजरें अब नवंबर में होने वाली कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं, जो भविष्य के लिए दिशा-निर्देश तय करेगी।