अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अक्सर अपने बयान और विचारों के कारण चर्चा में बने रहते हैं। वे राजनीति, आर्थिक नीतियों और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर खुलकर अपनी राय रखते हैं, जो कभी-कभी विवादित भी साबित होती है। हाल ही में ट्रंप ने टैरिफ और युद्ध रुकवाने को लेकर कई बार महत्वपूर्ण बयान दिए हैं, जिनसे अमेरिकी राजनीति में हलचल मची हुई है।
ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीति को लेकर कई बार जोर दिया है। उनका कहना है कि टैरिफ ने अमेरिका को वैश्विक स्तर पर एक नई ताकत और बातचीत की मजबूती दी है। उन्होंने दावा किया है कि टैरिफ की वजह से वे सात युद्धों को रोकने में सफल रहे हैं, जिनमें से चार युद्ध सीधे टैरिफ की वजह से सुलझे। ट्रंप का यह दावा अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में चल रहे एक महत्वपूर्ण टैरिफ केस के दौरान आया है। वे कहते हैं कि अगर इस केस में उन्हें जीत मिलती है, तो अमेरिका दुनिया का सबसे अमीर देश बन जाएगा और उसके पास बातचीत करने की जबरदस्त शक्ति होगी।
टैरिफ मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है और इस पर काफी ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि इस केस में यह तय होना है कि क्या राष्ट्रपति बिना कांग्रेस की मंजूरी के आपातकालीन टैरिफ लगा सकते हैं। ट्रंप इस मामले को अपनी आर्थिक रणनीति का अहम हिस्सा मानते हैं। उनका मानना है कि टैरिफ नीति ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है और वैश्विक विवादों को सुलझाने में मदद की है।
इसी बीच, ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने इस संघर्ष को "ऐसा युद्ध जो कभी होना ही नहीं चाहिए था" बताया। ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को युद्ध समाप्ति के लिए समझौता करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि जेलेंस्की को आगे बढ़ना होगा और समझौता करना होगा ताकि इस खूनखराबे को रोका जा सके।
ट्रंप ने यूरोप को भी कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने यूरोपीय देशों से रूसी तेल की खरीद तुरंत बंद करने को कहा है। यूरोप पर अपने दौरे से पहले ट्रंप ने पत्रकारों को बताया कि वे यूरोप को मित्र मानते हैं, लेकिन वे रूस से तेल खरीद रहे हैं, जो सही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे चाहते हैं कि यूरोप रूस से तेल की खरीद बंद करे क्योंकि यह रूस की फाइनेंसिंग करता है और यूक्रेन में जारी संघर्ष को बढ़ावा देता है।
ट्रंप ने यह भी कहा कि वे नाटो और यूरोप से उम्मीद करते हैं कि वे रूस के खिलाफ सख्त कदम उठाएं और टैरिफ तथा आर्थिक प्रतिबंधों को और कड़ा करें। वे खुद प्रतिबंध लगाने को तैयार हैं लेकिन उनका कहना है कि अगर नाटो आगे नहीं बढ़ेगा तो वे भी कुछ नहीं कर पाएंगे। ट्रंप का यह रवैया यह दर्शाता है कि वे वैश्विक मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाने के पक्षधर हैं और चाहते हैं कि अमेरिका और उसके सहयोगी पूरी ताकत से रूस पर दबाव बनाएं।
ट्रंप के इन बयानों ने अमेरिकी राजनीतिक माहौल को फिर से गरमाहट दी है। उनकी टैरिफ नीति और रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कड़ी चेतावनी से दुनिया की नजरें अमेरिका पर टिक गई हैं। जबकि अमेरिका के अंदर और बाहर इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, ट्रंप अपने विचारों और नीतियों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध दिखते हैं।
इस पूरी स्थिति से यह साफ है कि ट्रंप अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अपनी ताकत दिखाने और अमेरिका को एक प्रभावशाली वैश्विक शक्ति बनाए रखने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार हैं। चाहे वह टैरिफ हो या रूस-यूक्रेन संकट, ट्रंप की रणनीति का केंद्र अमेरिका की वैश्विक प्रभुता बनाए रखना है।