बनारस न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस ने एक बार फिर दस्तक दी है और इससे लोगों में चिंता बढ़ने लगी है। राजधानी लखनऊ में हाल ही में एक मरीज मिलने के बाद अब वाराणसी में भी दो नए केस सामने आए हैं। दोनों संक्रमित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की प्रयोगशाला में काम करने वाले कर्मचारी हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, ये दोनों हाल ही में दूसरे राज्यों की यात्रा से लौटे थे और यहीं से उन्हें संक्रमण हुआ होने की आशंका है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि दोनों मरीजों को फिलहाल उनके घरों में आइसोलेट कर दिया गया है और उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखते हुए कोविड जैसे लक्षण वाले मरीजों की तुरंत जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रहा है।
सीएमओ ने यह भी कहा कि संभावित मामलों की जानकारी यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस प्लेटफॉर्म (यूडीएसपी) पर रिपोर्ट की जानी चाहिए। साथ ही, कोरोना संदिग्धों के सैंपल बीएचयू की लैब में भेजे जाएंगे ताकि जांच तेज़ और सटीक हो सके। देश के कई हिस्सों से नए कोविड केस मिलने के बाद वाराणसी प्रशासन ने भी सतर्कता बढ़ा दी है और निगरानी तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है।
इससे पहले लखनऊ में लगभग डेढ़ साल बाद पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आया था। आशियाना इलाके के एक 60 वर्षीय बुजुर्ग हाल ही में उत्तराखंड की धार्मिक यात्रा से लौटे थे। उन्हें सांस लेने में परेशानी होने पर पीजीआई में भर्ती कराया गया था, जहां जांच में कोरोना की पुष्टि हुई। हालांकि इलाज के बाद वे पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। मामले के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उनके परिवार वालों को सावधानी बरतने और दवाएं लेने के निर्देश दिए हैं। लखनऊ को इससे पहले 10 जनवरी 2024 को कोरोना मुक्त घोषित किया गया था, लेकिन अब नए मामलों के बाद यूपी का स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर अलर्ट मोड पर है।