बनारस न्यूज डेस्क: महाकुंभ 2025 को लेकर केंद्र सरकार ने एक विशेष सर्वे कराया जिसमें देश के साथ 45 देशों के कुल 3.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं की राय ली गई। इस सर्वे में अयोध्या, वाराणसी और प्रयागराज का संगम देश के टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर सामने आया। डिलायट द्वारा की गई इस स्टडी में यह बात भी सामने आई कि कुंभ के दौरान आने वाले हर घरेलू और विदेशी श्रद्धालु ने औसतन 5877 रुपये खर्च किए, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को जबरदस्त फायदा हुआ।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि यह सर्वे भारत सरकार ने महाकुंभ स्पिरिचुअल सर्वे 2025 के तहत कराया, जिसका उद्देश्य प्रमुख धार्मिक स्थलों की पहचान और उनके विकास की योजना बनाना था। 28 जनवरी से 26 फरवरी के बीच प्रयागराज के अलग-अलग क्षेत्रों में यह सर्वे किया गया। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, नेपाल, फिजी समेत 45 देशों के 1093 और भारत के 3.5 लाख से ज्यादा पर्यटकों ने हिस्सा लिया। बड़ी संख्या में पर्यटकों ने अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी को अपनी पिछली और आगामी यात्रा का प्रमुख स्थल बताया।
सर्वे में यह भी सामने आया कि भारतीय पर्यटक अधिकतर परिवार या दोस्तों के साथ आए, जबकि विदेशी पर्यटक अकेले आना पसंद करते हैं। भारतीय श्रद्धालुओं ने यात्रा, ठहराव, भोजन और धार्मिक सामग्री पर सबसे ज्यादा खर्च किया। वहीं, विदेशी पर्यटकों का रुझान भी इसी तरह रहा। मंत्री ने कहा कि महाकुंभ ने न केवल भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई, बल्कि उत्तर प्रदेश की जीडीपी में भी एक मजबूत योगदान दिया है।