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वक्फ कानून पर बंगाल में हिंसा, धुलियान से 500 लोगों ने किया पलायन, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Sunday, April 13, 2025

मुंबई, 13 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। वक्फ कानून के विरोध में शनिवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। गाड़ियां जलाईं, दुकानों-घरों में तोड़फोड़ कर लूट भी की गई। अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। 15 पुलिसकर्मी घायल हैं। 150 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। पश्चिम बंगाल में 10 अप्रैल से हिंसा जारी है। केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त इलाकों में 1600 जवान तैनात किए हैं। इनमें 300 BSF जवान हैं। कुल 21 कंपनियां तैनात की गई हैं। हिंसाग्रस्त इलाकों में इंटरनेट बैन है। BNS की धारा 163 भी लागू है। इधर, मुर्शिदाबाद के धुलियान से करीब 500 लोग पलायन कर गए हैं। इन सभी ने नदी पार मालदा के वैष्णवनगर में एक स्कूल में शरण ली है। इन लोगों का आरोप है कि उनके घरों में तोड़फोड़-आगजनी की गई। पीने के पानी में जहर मिला दिया गया है। ये किसी तरह बीएसएफ की मदद से वहां से बचकर आए हैं। वहीं, नए वक्फ कानून को लेकर दिल्ली में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की कार्यकारी समिति ने एक बैठक की। वहीं AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आज कहा- वक्फ कानून असंवैधानिक है। BJP वक्फ बोर्ड पर कब्जा करना चाहती है। वक्फ कानून से किसी की भलाई नहीं होगी।

तमिलगा वेट्री कज़गम (टीवीके) के अध्यक्ष और अभिनेता विजय ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
बंगाल, तमिलनाडु, केरल के बाद कर्नाटक के मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने राज्य में इस कानून को लागू नहीं करने का फैसला किया है। कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने कहा है कि पार्टी की मणिपुर इकाई विवादास्पद वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी। वहीं, पश्चिम बंगाल में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें केंद्रीय बल की तैनाती और हिंसा की जांच NIA से कराने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के आदेश दिए। जस्टिस सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, हम उन रिपोर्ट्स पर आंखें मूंद नहीं सकते जो सामने आई हैं। इनमें राज्य के कुछ जिलों में बर्बरता दिखाई देती है। मुर्शिदाबाद के अलावा जहां भी हिंसा नजर आती है, वहां केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती की जाए। कोलकाता हाईकोर्ट ने शनिवार को मुर्शिदाबाद में तुरंत केंद्रीय बल तैनात करने का आदेश दिया है। इस दौरान कोर्ट ने कहा- 'हम आंखें बंद नहीं कर सकते। संवैधानिक अदालतें मूकदर्शक नहीं बन सकतीं। जब लोगों की सुरक्षा खतरे में हो तो तकनीकी बचाव में उलझे नहीं रह सकते। ऐसा लगता है कि समय पर उचित कदम नहीं उठाए गए। प्रत्येक नागरिक को जीवन का अधिकार है। यह सुनिश्चित करना राज्य की जिम्मेदारी है कि प्रत्येक नागरिक का जीवन और संपत्ति सुरक्षित रहे।'

केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। उन्होंने जल्द से जल्द सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा। ADG (लॉ एंड ऑर्डर) जावेद शमीम ने कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया, आज (शनिवार) की घटना का ब्योरा अभी उपलब्ध नहीं है। पुलिस की ओर से गोली नहीं चली है, BSF की ओर से हो सकता है। ये शुरुआती जानकारी है। घायल खतरे से बाहर है। साथ ही, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा, वक्फ कानून राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। कानून केंद्र ने बनाया है, इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं, वह केंद्र से मांगा जाना चाहिए। मेरी अपील है कि शांत रहें। सबकी जान कीमती है, राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं। मुर्शिदाबाद, मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों में 11 अप्रैल को हिंसा हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी थी और पुलिस पर पथराव किया था। सुइटी थाना क्षेत्र के साजूर क्रॉसिंग में पुलिस पर क्रूड बम भी फेंके गए थे। इस दौरान 10 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। हालात काबू करने के लिए पुलिस ने चार राउंड फायरिंग की थी। गोलीबारी में दो लोग घायल हुए थे। दोनों का इलाज जारी है। बीजेपी सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेटर लिखकर राज्य के सीमावर्ती जिलों में सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) लागू करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन इलाकों में हिंदुओं पर बार-बार सांप्रदायिक हमले हो रहे हैं।


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