बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी की अर्थव्यवस्था में अब युवा उद्यमियों का बड़ा योगदान नजर आ रहा है। जिले में कुल 1.40 लाख एमएसएमई इकाइयों में से लगभग 88,397 इकाइयां सूक्ष्म उद्योगों से जुड़ी हैं। इनमें युवाओं की रुचि खासतौर पर सर्विस सेक्टर में ज्यादा दिखाई दे रही है।
युवा उद्यमी सरकारी योजनाओं और सब्सिडी, लोन सुविधा और स्टार्टअप पॉलिसी का लाभ उठाकर छोटे-छोटे उद्योगों में निवेश कर रहे हैं। इसका परिणाम यह हुआ है कि अब युवा नौकरी की बजाय स्वरोजगार और उद्यमिता की ओर बढ़ रहे हैं। इससे रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और जिले की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है।
छोटे उद्योग जैसे रेस्टोरेंट, बेकरी, डेयरी उत्पाद, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और ई-कॉमर्स सेवाओं में तेजी से निवेश हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्विस सेक्टर में निवेश लागत कम और रोजगार सृजन क्षमता अधिक होने की वजह से युवा इसे प्राथमिकता दे रहे हैं। हालांकि, कच्चे माल और जमीन की बढ़ती कीमतों के कारण उत्पादन आधारित उद्योगों की लागत बढ़ रही है।
एमएसएमई विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जिले में 49,808 कंपनियां मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में पंजीकृत हैं, जबकि सर्विस सेक्टर में 88,397 इकाइयां हैं। सूक्ष्म इकाइयों में अधिकतम निवेश की सीमा एक करोड़ रुपये और सालाना टर्नओवर पांच करोड़ रुपये निर्धारित है। वहीं, लघु उद्योग में 10 करोड़ की लागत और 50 करोड़ टर्नओवर का लक्ष्य है।