वाराणसी । संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा अगले सप्ताह कार्यभार संभालेंगे। उनका कहना है कि दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी काशी में प्राचीन विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में सेवा देना परम सौभाग्य है।
प्रोफेसर बिहारी लाल ने कहा कि प्राचीनता को आधुनिकता से जोड़कर विश्वविद्यालय को नई पहचान दिलाना है। संपूर्णानंद को देश के सभी संस्कृत विश्वविद्यालयों में श्रेष्ठ बनाना है। शिक्षक व कर्मचारियों के सहयोग से इस लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।
बता दें कि, मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के विलासपुर निवासी प्रो. शर्मा ने कहा कि देश में 18 संस्कृत विश्वविद्यालय हैं। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय सबसे प्राचीन और बड़ा है। सन् 1791 में स्थापित ऐसा विश्वविद्यालय है, जिससे यूपी समेत देश के विभिन्न राज्यों के 1200 कॉलेज संबद्ध हैं। विश्वविद्यालय का वित्तीय प्रबंधन मजबूत बनाया जाएगा। भारतीय विद्याओं की प्रतिष्ठा अगर प्रमाणिक रूप में जन सामान्य तक पहुंचे तो इससे बड़ा और कोई काम नहीं हो सकता है।