बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी के गंजारी, राजातालाब में बन रहे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस अत्याधुनिक स्टेडियम के निर्माण से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को भी अपने खेल कौशल को निखारने का बेहतरीन मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की देरी न हो और इसे तय समयसीमा के भीतर पूरा किया जाए। उन्होंने ड्रेनेज सिस्टम, सड़क कनेक्टिविटी और दर्शकों की सुविधाओं को उच्च गुणवत्ता का बनाने पर जोर दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्टेडियम निर्माण में लगे श्रमिकों और इंजीनियरों से भी मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया।
करीब 451 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह स्टेडियम 30.66 एकड़ में फैला है और इसमें एक साथ 30,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता होगी। यह स्टेडियम केवल क्रिकेट के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य खेलों और प्रशिक्षण गतिविधियों के लिए भी उपयोगी होगा। इसमें बैडमिंटन, टेबल टेनिस और तैराकी जैसी खेल सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए विश्वस्तरीय पिच और अत्याधुनिक ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया जा रहा है, ताकि बारिश या मौसम की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद खेल बिना रुकावट के जारी रह सके। इसके अलावा, दर्शकों के लिए शानदार बैठने की व्यवस्था, वीआईपी लॉज, मीडिया गैलरी और डिजिटल स्कोरबोर्ड जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी।
इस स्टेडियम के निर्माण से वाराणसी को खेल गतिविधियों के केंद्र के रूप में एक नई पहचान मिलेगी। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों के आयोजन से स्थानीय खिलाड़ियों को बड़े स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर को इस स्टेडियम का शिलान्यास किया था। यह उत्तर प्रदेश का तीसरा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम होगा, जहां कानपुर और लखनऊ के बाद बड़े क्रिकेट मुकाबले खेले जाएंगे। इससे वाराणसी को वैश्विक खेल मानचित्र पर एक खास स्थान मिलेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ निरीक्षण के दौरान कई प्रमुख नेता और अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, महापौर अशोक तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव और नीलकंठ तिवारी शामिल थे। इस स्टेडियम से न सिर्फ क्रिकेट प्रेमियों को आनंद मिलेगा, बल्कि स्थानीय और युवा खिलाड़ियों को भी बेहतरीन खेल सुविधाएं मिलेंगी। भविष्य में यहां एक खेल अकादमी की स्थापना भी की जा सकती है, जिससे उभरते हुए खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय कोचिंग का लाभ मिल सके।