गंगा का जलस्तर बढ़ते ही क्रूज की आवाजाही तेज होने वाली है। एमवी राजमहल पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से 6 अगस्त को देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी के लिए रवाना होगा, जिसमें 32 विदेशी पर्यटक सवार होंगे। क्रूज आधुनिक सुविधा-संसाधनों से लैस है। यह क्रूज सोलह दिन बाद यानी 22 अगस्त को वाराणसी के राजघाट पर लंगर डालेगा और 23 अगस्त को मिर्जापुर के चुनार जाएगा। इसी दिन लौटकर वाराणसी भी आ जाएगा। जो पर्यटक लौटेंगे, वह फ्लाइट के जरिये अपने-अपने देश चले जाएंगे। इसके बाद काशी में मौजूद विदेशी पर्यटकों का दूसरा दल क्रूज पर सवार होगा। 25 अगस्त को क्रूज पर ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का रंग जमेगा। 26 अगस्त को क्रूज दोबारा चुनार जाएगा। पर्यटक मिर्जापुर के ऐतिहासिक, धार्मिक स्थलों को देखेंगे। स्थानीय लोगों से संवाद भी करेंगे।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण वाराणसी कार्यालय के प्रभारी आरसी पांडेय ने बताया कि जलमार्ग संख्या एक पर जल परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी क्रम में एमवी राजमहल (क्रूज) अगस्त में वाराणसी आ रहा है। यह क्रूज फरक्का, साहिबगंज, कहलगांव, पटना, गाजीपुर होते हुए काशी पहुंचेगा। अलग-अलग जगहों पर लंगर डालेगा। इसमें सवार पर्यटक रास्ते में पड़ने वाले सभी ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों को देखते हुए आएंगे। असाम बंगाल नेविगेशन कंपनी के क्रूज पर पर्यटकों के लिए राजशाही इंतजाम होंगे। इसके दीवार पर लगी पेंटिंग राजशाही कला और शिल्प के उदाहरण हैं। भारतीय संस्कृति और राजशाही घरानों की गौरवमयी संस्कृति से जुड़ी वस्तुएं क्रूज पर सजाई गई हैं।