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बदलने वाला है UPI यूज करने का आपका एक्‍सपीर‍िएंस, अब ड‍िज‍िटल भुगतान के ल‍िए ऐसे होगा ऑथेंट‍िकेशन

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Posted On:Tuesday, October 7, 2025

नई दिल्ली: भारत में डिजिटल भुगतान का तरीका 8 अक्टूबर से एक बड़ा बदलाव देखने वाला है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) अपने उपयोगकर्ताओं को भुगतान को स्वीकृत (Authenticate) करने के लिए एक क्रांतिकारी नया विकल्प प्रदान करने जा रहा है: चेहरे की पहचान और उंगलियों के निशान (Biometric Authentication)। यह कदम यूपीआई के उपयोग को और भी आसान, तेज और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

PIN की अनिवार्यता होगी कम, 'आधार' डेटा होगा आधार

वर्तमान में, यूपीआई लेनदेन को पूरा करने के लिए एक संख्यात्मक UPI PIN की आवश्यकता होती है। लेकिन 8 अक्टूबर से शुरू होने वाली यह नई प्रणाली इस अनिवार्यता को कम करेगी। अब उपयोगकर्ता अपने बायोमेट्रिक डेटा—यानी चेहरे की पहचान और फिंगरप्रिंट—का उपयोग करके भुगतान को प्रमाणित कर सकेंगे।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऑथेंटिकेशन के लिए भारत सरकार की विशिष्ट पहचान प्रणाली 'आधार' में मौजूद बायोमेट्रिक डेटा का उपयोग किया जाएगा। इसका मतलब है कि उपयोगकर्ता के आधार से जुड़े बायोमेट्रिक रिकॉर्ड को ही उनकी पहचान सत्यापित करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

RBI के दिशनिर्देशों का पालन

यह महत्वपूर्ण बदलाव भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए गए हालिया दिशानिर्देशों के बाद किया जा रहा है। आरबीआई ने इन दिशानिर्देशों में भुगतान प्रमाणीकरण के लिए वैकल्पिक तरीकों (Alternative Methods of Authentication) की अनुमति दी थी। यह कदम यूपीआई को ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अधिक सुलभ बनाने में मदद करेगा, जहाँ अक्सर पिन याद रखने या उसे दर्ज करने में परेशानी होती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से न केवल लेनदेन की गति बढ़ेगी, बल्कि यह धोखाधड़ी की संभावना को भी काफी कम कर देगा। चूंकि फिंगरप्रिंट और चेहरे की पहचान पिन की तुलना में अधिक सुरक्षित माने जाते हैं, इसलिए यह यूपीआई इकोसिस्टम में विश्वास को और मजबूत करेगा।

ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में होगा प्रदर्शन

'बिजनेस स्टैंडर्ड' की रिपोर्ट्स के अनुसार, UPI का संचालन करने वाली संस्था भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI), मुंबई में आयोजित होने वाले ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में इस नए बायोमेट्रिक फीचर का प्रदर्शन करने की योजना बना रही है। यह प्रदर्शन 8 अक्टूबर से पहले या उसी दिन हो सकता है, जिससे इस तकनीक की क्षमता और उपयोगिता को वैश्विक मंच पर दर्शाया जा सके।

एनपीसीआई और सरकार का उद्देश्य यूपीआई को केवल तकनीकी रूप से उन्नत बनाना नहीं है, बल्कि इसे देश के हर नागरिक के लिए उपयोग में आसान बनाना भी है। बायोमेट्रिक सुविधा इसी दिशा में एक बड़ा कदम है, जो स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के साथ-साथ फीचर फोन (Feature Phone) उपयोगकर्ताओं के लिए भी भुगतान प्रक्रिया को सरल बना सकती है।

कैसे बदलेगा यूजर एक्सपीरियंस?

बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन यूपीआई के 'वन-क्लिक' भुगतान अनुभव को 'जीरो-क्लिक' के करीब ला सकता है। अब उपयोगकर्ता को ऐप में भुगतान शुरू करने के बाद पिन दर्ज करने के बजाय, बस अपनी उंगली को सेंसर पर रखना होगा या कैमरे के सामने चेहरा दिखाना होगा

इस सुविधा के रोलआउट के बाद, उम्मीद है कि यूपीआई लेन-देन की संख्या और मूल्य दोनों में भारी वृद्धि देखने को मिलेगी, क्योंकि यह प्रक्रिया को वर्तमान की तुलना में कहीं अधिक सहज और सुरक्षित बना देगा। यह तकनीक भारत को फिनटेक नवाचारों के वैश्विक मानचित्र पर एक अग्रणी स्थान पर और भी मजबूती से स्थापित करेगी।


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