रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार को भौतिकी के क्षेत्र में वर्ष 2025 के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार तीन अमेरिकी वैज्ञानिकों — जॉन क्लार्क, मिशेल डेवोरेट, और जॉन मार्टिनिस— को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया है। इन वैज्ञानिकों को यह सम्मान इलेक्ट्रिक सर्किट में बड़े पैमाने पर मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग और ऊर्जा के स्तरों की अभूतपूर्व खोज के लिए दिया गया है।
यह खोज क्वांटम प्रौद्योगिकी की अगली पीढ़ी, जैसे कि क्वांटम कंप्यूटिंग और क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, के लिए विकास के नए दरवाजे खोलती है।
क्वांटम टनलिंग क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
इस पुरस्कार का केंद्रबिंदु मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग की खोज है। क्वांटम टनलिंग एक ऐसा अजीबोगरीब क्वांटम यांत्रिक प्रभाव है, जिसमें कोई कण किसी बाधा (बैरियर) को कूदकर नहीं, बल्कि उसके 'आर-पार' होकर निकल जाता है। सामान्य फिजिक्स, जिसे हम अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में देखते हैं, उसके हिसाब से यह प्रक्रिया असंभव है।
इसे एक सरल उदाहरण से समझा जा सकता है: आम जिंदगी में अगर आप एक गेंद को दीवार की तरफ फेंकते हैं, तो वह टकराकर वापस आ जाती है। लेकिन क्वांटम की दुनिया में, छोटे कणों में एक ऐसी क्षमता होती है कि वे कभी-कभी उस दीवार को पार करके दूसरी तरफ चले जाते हैं। यह प्रक्रिया क्वांटम दुनिया के नियमों पर आधारित है।
क्लार्क, डेवोरेट, और मार्टिनिस ने इस घटना को मैक्रोस्कोपिक यानी बड़े पैमाने पर, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक सर्किट में, प्रदर्शित करने और समझने में सफलता हासिल की है। यह सफलता दर्शाती है कि क्वांटम यांत्रिकी के नियम केवल सूक्ष्म कणों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्हें बड़ी प्रणालियों में भी लागू किया जा सकता है।
नोबेल पुरस्कार समिति ने कहा, “इस साल भौतिकी के नोबेल पुरस्कार ने क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम कंप्यूटर और क्वांटम सेंसर सहित क्वांटम टेक्नोलॉजी की अगली पीढ़ी को विकास के मौके प्रदान किए हैं।” यह कार्य क्वांटम प्रौद्योगिकी को प्रयोगशाला से बाहर निकालकर वाणिज्यिक अनुप्रयोगों के करीब लाने में महत्वपूर्ण है।
नोबेल पुरस्कार 2025: प्राइज मनी और शेड्यूल
भौतिकी का नोबेल पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा प्रदान किया जाता है। इस वर्ष के विजेताओं को कुल 11 मिलियन स्वीडिश क्राउन (लगभग 1.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की प्राइज मनी मिलेगी, जो तीनों वैज्ञानिकों के बीच साझा की जाएगी। तीनों विजेता संयुक्त राज्य अमेरिका के निवासी हैं।
नोबेल पुरस्कारों की घोषणा का शेड्यूल इस प्रकार है:
पुरस्कार |
तारीख |
समय (दोपहर/शाम) |
मेडिसिन |
6 अक्टूबर |
दोपहर 3:00 बजे |
फिजिक्स |
7 अक्टूबर |
दोपहर 3:15 बजे |
केमिस्ट्री |
8 अक्टूबर |
दोपहर 3:15 बजे |
लिटरेचर |
9 अक्टूबर |
शाम 4:30 बजे |
पीस |
10 अक्टूबर |
दोपहर 2:30 बजे |
इकोनॉमी |
13 अक्टूबर |
दोपहर 3:15 बजे |
इस वर्ष का भौतिकी नोबेल पुरस्कार क्वांटम दुनिया की जटिलताओं को सुलझाने और उसे भविष्य की तकनीक में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। वैज्ञानिकों की यह खोज क्वांटम यांत्रिकी के बुनियादी सिद्धांतों को मजबूत करती है और नई प्रौद्योगिकियों के लिए अपार संभावनाएं पैदा करती है।