राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। यह बैठक आगामी बिहार विधानसभा चुनावों की रणनीतिक तैयारियों को लेकर हुई, जिसमें महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) के भीतर समन्वय और सीट साझा करने की रणनीति पर खास चर्चा की गई।
तेजस्वी यादव के साथ आरजेडी सांसद मनोज झा और संजय यादव भी मौजूद थे। यह मुलाकात खड़गे के आवास पर हुई, जहां कांग्रेस के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल, बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश कुमार, और एआईसीसी बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु भी शामिल रहे।
🤝 गठबंधन की एकजुटता को मज़बूती देने की कोशिश
बैठक का मुख्य उद्देश्य था महागठबंधन के दलों के बीच समन्वय स्थापित करना और यह सुनिश्चित करना कि चुनाव से पहले रणनीति एकसमान और ठोस हो। सूत्रों के अनुसार, सीट बंटवारे, प्रचार अभियान की रूपरेखा, और संभावित मुख्यमंत्री चेहरे जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
महागठबंधन में शामिल दलों में हालांकि कड़ी सौदेबाज़ी की संभावनाएं हैं, लेकिन बैठक में सभी नेताओं ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने और एनडीए को सत्ता से हटाने के उद्देश्य पर सहमति जताई।
🗳️ बिहार में मुकाबला होगा रोचक
बिहार विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में प्रस्तावित हैं, जहां राजद-कांग्रेस-लेफ्ट के महागठबंधन और एनडीए (भाजपा-जदयू आदि) के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है। मौजूदा राजनीतिक समीकरण में तेजस्वी यादव महागठबंधन के प्रमुख चेहरा बने हुए हैं, जबकि कांग्रेस इस गठबंधन में राष्ट्रीय नेतृत्व और संसाधनों के साथ अपनी भूमिका निभा रही है।
पिछले महीने कांग्रेस ने स्पष्ट किया था कि वह INDIA ब्लॉक के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ेगी और मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर निर्णय सामूहिक रूप से लिया जाएगा।
📍 गठबंधन में मजबूती लेकिन चुनौतियां कायम
हालांकि महागठबंधन एक साझा एजेंडे पर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अंदरखाने सीट बंटवारे और प्रभाव क्षेत्रों को लेकर चर्चा गर्म है। राजद बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी है और वह स्वाभाविक रूप से अधिक सीटों की दावेदारी कर सकती है। वहीं कांग्रेस भी अपने आधार क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद रखती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि महागठबंधन समझदारी से सीट बंटवारा कर लेता है और संयुक्त प्रचार अभियान चलाता है, तो वह एनडीए के लिए कड़ी चुनौती बन सकता है।
🔍 आगे की राह
यह बैठक इस बात का संकेत है कि बिहार चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन पूरी गंभीरता से तैयारियों में जुट चुका है। आने वाले हफ्तों में गठबंधन की ओर से औपचारिक घोषणाएं, रैलियों की योजना और उम्मीदवारों की सूची सामने आ सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों की नजर अब इस बात पर टिकी है कि क्या महागठबंधन अपनी आंतरिक एकता को बनाए रखते हुए बिहार की राजनीति में फिर से अपनी मजबूत वापसी कर पाएगा।