बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी से सांसद बनने के बाद से शहर की जाम की समस्या को हल करने के लिए रोपवे परियोजना पर तेज़ी से काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पास गोदौलिया स्थित गिरजाघर रोपवे स्टेशन के निर्माण के लिए चिन्हित मकानों को सोमवार को प्रशासन की देखरेख में तोड़ा गया।
गोदौलिया क्षेत्र में सोमवार को वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए), स्थानीय प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में सैकड़ों साल पुराने एक मकान पर बुलडोजर चलाया गया। इस दौरान परियोजना प्रबंधक पूजा मिश्रा, वीडीए सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा, एडीएम विपिन कुमार और एसीपी प्रज्ञा पाठक समेत बड़ी संख्या में अधिकारी और पुलिस बल तैनात थे।
मकान और दुकान तोड़े जाने से स्थानीय निवासी और व्यापारी नाराज हैं। उनका कहना है कि वे पिछले कई दशकों से इन मकानों में रह रहे थे और उनके पास पट्टे भी हैं। हालांकि, उन्हें लिखित में कोई नोटिस नहीं दिया गया, सिर्फ मौखिक जानकारी दी गई थी। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद प्रभावित दुकानदारों को नई दुकानें आवंटित की जाएंगी।
समाजसेवी प्रभात वर्मा ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि मकानों और दुकानों को जबरन खाली कराया गया। कुछ दुकानदारों ने दावा किया कि उन्हें कार्रवाई की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। वहीं, कुछ अन्य दुकानदारों ने बताया कि उन्हें शुक्रवार को जानकारी दी गई थी कि सोमवार को तोड़फोड़ की जाएगी।
रोपवे परियोजना को वाराणसी में जाम की समस्या से निपटने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह परियोजना वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर तक रोपवे सेवा प्रदान करेगी। इससे न केवल स्थानीय लोगों बल्कि तीर्थयात्रियों को भी बड़ी सुविधा मिलेगी।
इस परियोजना को एक आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में विकसित किया जा रहा है। उम्मीद है कि इससे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास की सड़कों पर यातायात का भार कम होगा और पर्यटकों का अनुभव बेहतर बनेगा।
प्रशासन का कहना है कि यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी की काशी के विकास को गति देने की योजना का हिस्सा है। स्थानीय निवासियों और व्यापारियों के असंतोष के बावजूद, प्रशासन रोपवे परियोजना को तय समय सीमा में पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।